No Products in the Cart
वेदोऽखिलो धर्ममूलम् - अर्थात् वेद ही विश्व के अखिल धर्म का आदि मूल हैं! प्रत्येक हिन्दू ग्रंथ वेद को ही अपना आधार घोषित करता है।
हर मुस्लिम के पास कुरान मिलेगी, हर ईसाई के पास बाइबिल! तो इसी प्रकार प्रत्येक हिन्दू के पास भी वेद होने ही चाहिए!
और वेद केवल मात्र हिन्दू के लिए ही नहीं हैं अपितु वेद तो सम्पूर्ण मानवता के लिए ही ज्ञान का आदि स्रोत हैं। अतः मनुष्य मात्र के पास वेद होने ही चाहिए तथा प्रत्येक मनुष्य वेदों को अवश्य पढ़े।
वेद कोई अंधविश्वासी अनुष्ठानों अथवा आदिम सोच या सामाजिक भेदभाव की पुस्तक नहीं है, जैसा कि कुछ अज्ञानी लोगों द्वारा अपने निहित स्वार्थ के वशीभूत हो प्रचारित किया गया है। इसके विपरीत वेद तो विज्ञान और तर्क के ग्रंथ हैं।
वेद तर्क संगतता, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक एकता, योग्यता आधारित समाज और 'वसुधैव कुटुम्बकम्' का गुणगान करते हैं। 'वसुधैव कुटुम्बकम्' अर्थात् समूर्ण वसुधा ही मेरा कुटुम्ब है।
इसके साथ ही, वेद मंत्रों का मन और आत्मा पर चिकित्सकीय प्रभाव भी पड़ता है। वेद मंत्र सुखी, सफल, समृद्ध और आनंद से परिपूर्ण जीवन जीने की संरचना का आधार हैं।
चारों वेदों(ऋग्वेद,यजुर्वेद,सामवेद और अथर्ववेद) के भाष्य का यह संग्रह सरल हिंदी में लिखा गया है, जिससे कि विद्यार्थी, आमजन से लेकर विद्वान तक सभी लाभान्वित हो सकें।
इस भाष्य में मूलमंत्र, मंत्र के देवता, ऋषि, छंद, स्वर और हिंदी अर्थ समाहित हैं. यह ऋषि दयानंद सरस्वती द्वारा किए गए वेद भाष्य पर आधारित हैं, केवल आधुनिक काल के अनुसार इसे सुगम बनाया गया है। यह संग्रह पढ़ने में सुविधाजनक रहे इसलिए अक्षर का टाइप मोटा रखा गया है।परमपिता परमात्मा के शाश्वत ज्ञान का पर दिव्य संग्रह - आपके जीवन पर सकारात्मक प्रभाव ड़ालेगा।
जितना अधिक समय आप इन मंत्रों के स्वाध्याय में लगाएंगे, उतना अधिक आपका जीवन आनंद और उच्चतम सोपान की ओर अग्रसर होता जाएगा।
अपने प्रियजनों को उपहार में देने के लिए यह संग्रह सबसे श्रेष्ठ है।
साथ ही, इस संग्रह की बिक्री से प्राप्त धनराशि का उपयोग धर्म प्रचार और पुण्य कार्यों में किया जाएगा।
-------------------
"Vedo akhilo dharma mulam" (Ved are the roots of entire Dharma)
Every Hindu scripture has declared that Vedas are our foundation.
Every Muslim will own a Quran. Every Christian will own a Bible. Similarly every Hindu must own Vedas.
Vedas are not just for Hindus. Vedas are source of all wisdom for entire humanity. Hence, every human must own and study Vedas.
Vedas are not books of superstitious rituals or primitive thinking or social discrimination as promoted by certain ignorants with vested interests. On contrary, Vedas are books of science and reason. They extol the virtues of rationality, women empowerment, social equality, merit-based society and making entire world own family.
Further, Veda Mantra have a therapeutic effect on mind and Aatma. They lay a framework for living a life full of success, prosperity, anand.
This set of commentary on 4 Vedas - Rig Veda, Yajur Veda, Sama Veda, Atharva Veda - has been written in simplified Hindi to be useful for everyone - students, common people and scholars. The commentary includes original mantra, devata, rishi, chhanda, Swar and hindi meaning. These are based on translations by Swami Dayanand Saraswati, however the language has simplified for modern usages. The formatting has been specially designed in large readable fonts for easy study.
Just having a set of these divine books - eternal wisdom of Paramatma - will have a positive impact on your life. More the time you spend with these mantras, more you will find yourself evolving to enjoy higher Anand.
These books are the best gifts you can give to your dear ones.
TOTAL BOOKS
DELIVERY
Italian | Spanish | German | UK | US | Japanese | Chinese | Russian | Korean |
---|---|---|---|---|---|---|---|---|
34 | 30 | 28 | 4 | 00 | 3 | 155/75A | 36 | 44 |
36 | 32 | 30 | 6 | 0 | 5 | 155/80A | 38 | 44 |
38 | 34 | 32 | 8 | 2 | 7 | 160/84A | 40 | 55 |
40 | 36 | 34 | 10 | 4 | 9 | 165/88A | 42 | 55 |
42 | 38 | 36 | 12 | 6 | 11 | 170/92A | 44 | 66 |
44 | 40 | 38 | 14 | 8 | 13 | 175/96A | 46 | 66 |
46 | 42 | 40 | 16 | 10 | 15 | 170/98A | 48 | 77 |
48 | 44 | 42 | 18 | 12 | 17 | 170/100B | 50 | 77 |
50 | 46 | 44 | 20 | 14 | 19 | 175/100B | 52 | 88 |
52 | 48 | 46 | 22 | 16 | 21 | 180/104B | 54 | 88 |